Dua

Namaz E Istighasa Bibi Fatima | Namaz E Hajat Bibi Fatima In Hndi

Namaz E Istighasa Bibi Fatima

Namaz E Istighasa Bibi Fatima: इमाम जाफ़र सादिक अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) इरशाद फरमाते है के जब तुम्हारी कोई दुआ कबूल न हो रही हो और कोई भी रास्ता नज़र न आये तो तुमने सारेअम्ल कर लिए हो सारी तस्बियात पढ़ ली हो और जो दुआ तुम चाहते हो वो कबूल न हो रही हो !

इमाम जाफ़र सादिक अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) फरमाते है बीबी फात्मा ज़हरा से इस्तेगाज़ा करो और उनके वसीले से दुआ करो अगर आप ये अमल करते है तो आप हर मुश्किल हर परेशानी हल होगी वो अम्ल क्या है इमाम जाफ़र सादिक अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) फरमाते है के आप दो रक़त नमाज़ ए इस्तेगाज़ा जनाब सय्यदा बीबी फात्मा ज़हरा पढ़े !

नियत नमाज़: दो रक़त नमाज़ ए इस्तेगाज़ा जनाब सय्यदा बीबी फात्मा ज़हरा पढ़ती हूँ या पढता हूँ कुर्बतन इल्लाह ! ये नमाज़ बिलकुल सुबह की नमाज़ की तरह पढ़नी है !

Ziarat E Ashura Ke Fawaid

अम्ल का तरीका:

इमाम जाफ़र सादिक अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) फरमाते है के आप 2 रक़त नमाज़ ए इस्तेगाज़ा की नियत करे बीबी फात्मा ज़हरा के लिए 2 रक़त नमाज़ ए इस्तेगाज़ा पढ़े ये नमाज़ बिलकुल सुबह की नमाज़ की तरह पढ़ना है !

नमाज़ मुकम्मल होने के बाद आपको तीन मर्तबा अल्ला हो अकबर पढना है फिर तस्बी ए फात्मा ज़हरा पढ़नी है और उसके बाद 510 मर्तबा या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني) पढ़ना है !

तरीका: Namaz E Istighasa Bibi Fatima

आपको सजदे में जाना है और पेशानी को सज्देगाह पर रखकर 100 मर्तबा पढ़ना है या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني)

उसके बाद सज्देगाह पर दाया गाल रखकर रखकर 100 मर्तबा पढ़ना है या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني)

उसके बाद फिर पेशानी को सज्देगाह पर रखकर 100 मर्तबा पढ़ना है या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني)

फिर सज्देगाह पर बाया गाल रखकर रखकर 100 मर्तबा पढ़ना है या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني)

और आखिर में फिर पेशानी को सज्देगाह पर रखकर 110 मर्तबा पढना है या मोलाती या फात्मा अग़यसनी (يا مولاتي يا فاطمة اغيثيني)

510 मर्तबा पढने के बाद आपको अल्ला रब्बुल इज्ज़त से दुआ करनी है और बीबी फात्मा ज़हरा का वास्ता देना है इमाम जाफ़र सादिक अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) फरमाते  है और बीबी फात्मा ख़ुद भी फरमाती है अगर कोई भी दुआ कबूल न हो रही हो और तुम्हारे सारे रस्ते बंद हो गये हो और कोई हाजत पूरी न हो रही हो तो ये अम्ल करो यकीनन आपकी हाजत ज़रूर पूरी होगी !

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