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Ziarat E Ashura Ke Fawaid In Hindi: जियारत ए अशुरा के फवाएद

Ziarat E Ashura Ke Fawaid In Hindi: अपनी रूहानियत को कैसे बढ़ाया जाए अपने लाइफ स्टाइल को कैसे अहलेबैत जैसा बनाया जाए

Ziarat E Ashura Ke Fawaid In Hindi

एक शख्स कहता है मेरा बाप बहुत बड़ा गुनहगार था मैंने ग़ुस्लो कफ़न देकर अपने बाबा को दफन किया रात में ख्वाब में अपने बाबा को देखा, तहजुब जब हुआ जब मैंने अपने बाबा को जन्नत में देखा मैंने कहाँ बाबा आप तो बड़े गुन्हेगार थे आप तो बड़े ख़ताकार थे आप जन्नंत में क्या कर रहे है बाबा ने जवाब दिया मेरे लाल तीन दिन तक मेरी कब्र में आग जल रही थी,

तीन दिन तक में अज़ाबे कब्र में मुब्तला था लेकिन तीन दिन बाद कुछ कब्रे छोड़कर एक नेक खातून को दफन किया गया जिनके आने के बाद से जिन-जिन पर अज़ाब हो रहा था उन पर अल्लाह की रेहमते नाज़िल होने लगी फ़रमाया नूर बरस रहा था, मैंने पूछा बाबा ये कैसा नूर था बाबा ने कहाँ जैसे उस खातून को दफन किया पहली रात भी दूसरी रात भी और तीसरी रात भी उसकी कब्र में इमाम हुसैन अब्ने अली आते थे जब उस खातून ने मेरे अज़ाब को देखा तो उसके दिल में रहम पैदा हुआ और जब इमामे हुसैन उसकी कब्र में आये, (Ziarat E Ashura)

तो उसने कहा मोला मुझ पर तो रेहमते है लेकिन यह भी आपका चाहने वाला है इसकी कब्र में अज़ाब हो रहा है में चाहती हूँ मेरी खातिर आप इसकी शाफहत कर दे उस वक़्त इमाम ने दुआ के लिए हाथो को बुलंद किया मेरा अज़ाब ख़त्म हुआ, पूछा बाबा वो खातून कोनसी थी बाबा ने कहा उसका नाम ये था उसके शोहर का नाम ये है फला मोहल्ले में रहती थी ये शख्स नीद से उठा उस मोहल्ले में गया उस शख्स का नाम पूछा कहा फ़ला ख़ातून आपकी ज़ौजा थी उसने जवाब दिया हाँ, उस शख्स ने पूछा उसका कोनसा ऐसा अम्ल था क्या आपकी ज़ौजा बहुत ज़्यादा नमाज़ी थी कहा नहीं सिर्फ वाजीवाद पर अम्ल करती थी, (Ziarat E Ashura Ke Fawaid)

पूछा बहुत ज़्यादा क़ुरआन पड़ती थी कहा नहीं मुक्तसर क़ुरआन पढ़ती थी, पूछा क्या कोई खास बहुत ज़्यादा ज़िक्र था कहा नहीं एक आम सी ज़िन्दगी गुज़ारती थी लेकिन अख़लाक़ की अच्छी थी उसने कहा इतना पूछ क्यों रहे हो इसने सारा वाक़िया बताया कहा आपकी ज़ौजा की खातिर मेरे बाबा की शाफहत हो गयी, फिर उस शख्स ने पूछा कोई तो ऐसा अमल होगा जिसकी वजह से इमाम हुसैन उसकी कब्र में गए, फ़रमाया हां एक अम्ल था जो कसरत से किया करती थी पूछा वो कोनसा अम्ल था फ़रमाया रोज़ाना ज़्यारत ए आशूरा पढ़ा करती थी

ये है ज़्यारत ए अशुरा का मक़ाम (Ziarat E Ashura) मोला फरमाते है ऐ हमारे चाहने वालो तुम हमे याद करो हम तुम्हे याद करेंगे ! Ziarat E Ashura Ke Fawaid In Hindi

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