Darood ki fazilat सलवात की फ़ज़ीलत !
Darood ki Fazilat
खास तौर पर सलवात का जुमे के दिन खास लुत्फ़ है
Darood ki Fazilat एक शक्स बहुत दरूद पढता रहता था रसूल ए खुदा पर, एक यहूदी कहना लगा ये हर वक़्त खुदा अपने रसूल पर दाऊद पढता रहता है जो काम करता है पहले दरूद पढता है यहूदी ने सोचा में कोई ऐसा काम करू के ये अपने रसूल पर दरूद पढ़ना छोड़ दे, ये कहता है के दरूद से हर मुश्किल हल हो जाती है इसलिए दरूद पढता हूँ !
यहूदी ने एक बहुत महगी अगूठी बनवाई और उस शक्स को बोला में सफ़र पर जा रहा हूँ आप इसे अमानत रखे में वापस आकर ले लूगा उस शख्स ने कहा मसला नही है और उसने फिर अपने रसूल पर दरूद भेज दिया और कहा आप खैर से जाए और आपकी अमानत मेरे पास है!
अब इस शख्स ने अगूठी को जहा पर छुपा कर रखा था उस यहूदी ने वह से वो अगूठी चुराई और जाकर दरया में फेक दी कहा के सफ़र से वापस आउगा तो पता चलेगा के ये अपने रसूल पर कितने दरूद भेजता है !
इस शख्स की ज़ोजा ने ऐसे ही बोल दिया के जाओ मछली पकड़कर लाओ ये मछली लाया तो अब वो यहूदी इस शख्स के घर आ गया और बोला के मुझे वो मेरी अगूठी दे इस शख्स ने कहा के वो तो में आपको दे दुगा आज शिकार करने गया था तो मछली बड़ी अच्छी आई है तो पहले वो खा लेते है फिर आपकी अगूठी मिल जायगी अब जैसे ही उस मछली को काटा तो देखा के वो अगूठी दरया से मछली के मुह में आ गयी थी वापस वो अगूठी वही आ गयी अब इस शख्स ने जहा वो अगूठी राखी थी वह तो मिली नही उसने अगूठी वापस लाकर यहूदी को दे दी !
अब वो यहूदी परेशान हो गया के ये यह कहा से आई उस शख्स ने कहा के मुझे तो खुद मजरे का नही पता जहा रखी थी वहा नही मिल रही थी अलबत्ता जब मछली को काटा तो उसके अंदर थी खुदा का शुक्र है के रसूल पर दरूद भेजने से कम से कम आपकी अगूठी मेने आपको वापस दे दी !
वो यहूदी रोने लग गया और गिरया करने लग गया उस शख्स ने पूछा क्या हुआ क्यों रो रहे हो उस शख्स ने कहा पहले मुझे गुस्ल करके आने दे वो गुस्ल करके आया और कहा में कलमा पढता हूँ और वो मुसलाम हो गया फिर उस यहूदी ने सारी दास्तान बताई और कहा मैंने ऐसे ऐसे किया था फिर उस शख्स ने कहा के देखा दरूद की कितनी फ़ज़ीलत है ! मछली ने अगूठी भी वापस दे दी और आप मुसलमान भी हो गए !