Mola ali Ke Fazail In Hindi
रसूले ए खुदा बैठे हुए है और हज़रत जिब्राईल रसूले खुदा की ख़िदमत में मोह्जुद है ऐसे में मौला ए क़ायनात दाखिल हुए तो हज़रत जिब्राईल अपनी जगह से खड़े हो गए रूसूले खुदा ने जिब्राईल तुम इस जवान को जानते हो, जिब्राईल ने कहा हां इस जवान का मेरे ऊपर उस्ताद होने का हक़ है रसूले खुदा ने पूछा कैसे और कब, हज़रत जिब्राईल ने फ़रमाया के जब खुदा ने मुझे ख़ल्क़ किया और जब मेरा वज़ूद ख़ल्क़ हुआ
तो ख़ुदा ने पूछा मैं कौन हूँ, तुम कौन हो अब में तसब्बुब में था घबराहट में था के में क्या जवाब दू तो ये जवान नमूदार हुआ इसने कहाँ कहो ( अंता रब्बुल जलील वा अना जिब्राईल ) यानि के तू मेरा परवरदिगार जलील है और में तेरा बन्दा हूँ जिब्राईल, कहाँ उस वक़्त इसने मुझे सिखाया और ये मेरा उस्ताद है रसूले खुदा ने कहा अच्छा ये बताओ तुम्हारी ख़िलक़त को कितना अरसा (Time ) हुआ जिब्राईल ने कहाँ आसमान में एक सितारा है जो तीस हज़ार साल बाद चमकता है मैंने उस सितारे को तीस हज़ार बार देखा है ये मेरी उम्र है यानि उस वक़्त से अली तुम्हारा उस्ताद है जिब्राईल ने फ़रमाया हां, अब आप खुद अंदाज़ा लगा सकते है मोला अली जिब्राईल के कब से उस्ताद है !
Credit: Molana Nusrat Abbas Bukhari