Dua e Mashlool in Hindi | दुआ-ए-मशलूल | PDF
Dua e Mashlool in Hindi दुआ-ए-मशलूल
Dua e Mashlool in Hindi: जनाब सय्यद इब्ने ताऊस ने किताब मेहाजुल दअवात में अमीरुल मोमिनीन अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) की इस दुआ से तअल्लुक रखने वाली इमाम हुसैन अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) की रवायत बयान की है। आप इरशाद फरमाते हैं कि इस दुआ में इस्मे आज़म है और इस का पढ़ना इजाबत दुआ का वजह और गम दूर होने का मोअज्जब है। इस की बरकत से पढ़ने वाले का कर्ज अदा हो जाएगा। मोहताजी मालदारी से बदल जाएगी। गुनाह बख्श जाएँगे। शैतान और सुल्तान के ख़तरे से महफूज रहेगा।
फिर हज़रत फ़रमाते हैं कि इस दुआ की बतहारत पढ़ा करो । बगैर तहारत के जुर्रत न करो। चूँकि मशलूल इसको कहते हैं जिस का बदन शल और बेहिस हो जाए और जिस शख्स को हज़रत अमीरुल मोमिनीन अ0 ने यह दुआ फरमाई उसका जिस्म बाप की दुआ से शल हो गया था लेकिन इस जलीलुल कद्र दुआ की बरकत से उसने शिफा पाई। ‘मशलूल’ के नाम से मशहूर है और वह दुआ यह है!