Furoo E Deen Shia || Shia Wajib Namaz
फरु ए दीन Furoo E Deen Shia
फरु ए दीन क्या है ?
फरु ए दीन यानि दीन की शाखे दस है
अव्वल: नमाज़
दूसरे: रोज़ा
तीसरे:- हज
चौथे:- ज़कात
पांचवे:- कुम्स
छठे:- जेहाद
सातवे:- अमरबिलमहरूफ
आठवे:- नहींअनलमुनकर
नवे:- विलायत
दसवे:- बुराअत
अमरबिलमहरूफ क्या है?
अमरबिलमहरूफ यानि अच्छे कामो का हुक्म देना हमे चाहिए के हम अच्छे काम करे और दुसरो को भी अच्छे कामो का हुक्म दे !
नहींअनलमुनकर क्या है ?
नहींअनलमुनकर यानि बुरे कामो से रोकना हमे चाहिए के हम बुरे कामो से बचे और दुसरो को भी बुरे काम करने से रोके !
विलायत क्या है ?
विलायत यानि अल्लाह, रसूल, अहलेबैत और इनके दोस्तों से मोहब्बत करना !
बुराअत क्या है ?
बुराअत यानि अल्लाह, रसूल, अहलेबैत और इनके दुश्मनो से नफरत करना !
नमाज़ रोज़ाना कितने रकत वाजिब है ?
रोज़ाना पांच वक़्त की नमाज़ वाजिब है !
फज़र:- दो रकत
ज़ोहर:- चार रकत
असर:- चार रकत
मगरिब:- तीन रकत
ईशा:- चार रकत