Hum Bimar Kyu Hote Hai | By Imam Ali A.s.| Insan Bimar Kyon Hota Hai
Hum Bimar Kyu Hote Hai
Hum Bimar Kyu Hote Hai एक शख्स इमाम अली अ.स (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) की खिदमत में आकार कहने लगा या अली (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) इंसान का जिस्म बीमार क्यों होता है ?
उसका सवाल खत्म होते ही इमाम अली अ.स. (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) ने फ़रमाया इस ज़मीन पर ला महदूद इतने लश्कर है जो बाज़ मर्तबा इंसान के जिस्म पर हमला करते है वो लश्कर इतना छोटा होता है की इंसान अपनी आख़ से उसे देख नही पाता है
और यू इंसान का जिस्म जो अल्लाह के कानून के तहत चलता है जिसको इन्सान सही समझता है वो डगमगाने लगता है और इस तरह इंसान बीमार पड जाता है !
तो फिर उस शख्स ने पूछा या अली अ.स. (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) एक लश्कर हमला करता है क्या उस लश्कर से बचने का कोई अम्ल है !
इमाम अली अ.स. (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) ने फ़रमाया ए शख्स अल्लाह ने इंसान के जिस्म में ही उस लश्कर से लड़ने के लिए लश्कर को कायम किया ताके बहार के बीमार करने वाले लश्कर इंसान के जिस्म पर हावी न हो सके !
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लेकिन अफ़सोस बाज़ मर्तबा कुवते मदाफियत और कुवते लियाम की किल्लत से इंसान के जिस्म का लश्कर उस नज़र न आने वाले लश्कर के सामने मात खा जाता है और यू इंसान का जिस्म बीमार पड़ जाता है !
तो वो शख्स पूछने लगा या अली अ.स. (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) ऐसा क्या करे के इंसान का जिस्म कभी भी उस लश्कर से मात न खाए !
फिर इमाम अली अ. स. (अल्ला हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वाआले मोहम्मद) ने फ़रमाया ए शख्स जो इंसान रात को नीद पूरी करता है, सफाई को फ़र्ज़ ए अव्वल समझता है, अपनी गिज़ा का ख्याल रखता है
और फज्र को उठकर 27 मर्तबा सुराह इखलास पढ़कर अल्लाह से दुआ मागता है के अल्लाह मेरे जिस्म को इस काबिल बना के कोई भी बीमारी मेरे जिस्म पर हावी न हो,
तो अल्लाह के फ़ज्लो कर्म से इंसान का जिस्म इतना मज़बूत हो जाता है के बीमारिया और वो न नज़र आने वाला लश्कर इंसान के जिस्म पर कभी काबू नही पाता है