Dua e Kumail in Hindi | Dua e Kumail PDF | दुआ ए कुमैल
Dua e Kumail in Hindi: ये दुआ हज़रत अली अ.स. (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) ने जनाब कुमैल को तालीम फरमाई थी और फ़रमाया कि, अगर हो सके तो रोज़ाना नहीं तो हफ्ते में एक बार (खासतौर पर हर शबे जुमा) या महीने में एक बार, या साल में एक बार और नहीं तो अपनी ज़िन्दगी में एक बार इसे ज़रूर पढ़े।
ये दुआ पढ़ने से दुश्मन से महफूज़ रहोगे, रोज़ी में बरकत होगी, आखिरत में बुलंद दर्जो में रहोगे, गुनाह माफ होंगे और दुनिया में इज्जत की ज़िन्दगी गुज़रेगी।