Har Pareshani Ki Dua In Hindi | Risk Ki Dua | Bimari Ki Dua
ख़ास तंगी और रिस्क से बचने के लिए बहुत ही मुक्तसर अम्ल
अगर कोई शख्स रोज़ाना फज्र की नमाज़ के बाद सात मर्तबा इन आयात की तिलावत करता रहे तो वो ये देखेगा अल्लाह किस तरह से ख़ास रिस्क का मसला लेकिन अमूमी तौर पर हर मुसीबत और परेशानी को उससे दूर करता रहेगा !
وَمَنْ يَتَّقِ اللَّهَ يَجْعَلْ لَهُ مَخْرَجًا (2) وَيَرْزُقْهُ مِنْ حَيْثُ لَا يَحْتَسِبُ وَمَنْ يَتَوَكَّلْ عَلَى اللَّهِ فَهُوَ حَسْبُهُ إِنَّ اللَّهَ بَالِغُ أَمْرِهِ قَدْ جَعَلَ اللَّهُ لِكُلِّ شَيْءٍ قَدْرًا
आयात का तर्जुमा:
जो अल्लाह से डरता है अल्लाह करार देता है उसके लिए हर मुसीबत हर परेशानी हर आफ़त से निकलने का रास्ता और उसे रिस्क अता करता है ऐसे रास्ते से कभी उसने गुमान भी नही किया होगा के वहाँ से मुझे रिस्क मिल सकता और जो अल्लाह पर भरोसा करता अल्लाह उसके लिए काफी हो जाता फिर उसे किसी और के पास जाने की ज़रूरत नहीं पढ़ती अल्लाह जिस काम का इरादा कर ले उसे आखरी मंज़िल तक पहुचाता है लेकिन अल्लाह ने हर चीज़ के लिए एक मिक़दार और एक हिसाब रखा है
कभी हम जल्दबाज़ी से काम लेते है वो जल्द बाज़ी हमारे लिए नुकसान देह होती है अल्लाह ज़रूर अता करेगा अगर अल्लाह पर भरोसा करो लेकिन हर चीज़ के लिए अल्लाह ने हिसाब रखा है !
ये क़ुरआन की वो आयात है जिनको रोज़ाना सुबह की नमाज़ के बाद सात मर्तबा पढ़ना बहुत ही मुजर्रब है फिर आप देखेगे ख़ास दो चीज़े इसके अंदर आयी है एक रिस्क (ऐसी जगह से मिलेगा जिसका आप गुमान भी नहीं कर सकते) और दूसरा बड़ी से बड़ी परेशानी से निकलने का रास्ता क़ायम करना !
क़ुरआन में ये आयात कहा है ?
ये क़ुरआन करीम का सुराह तलाक़, सुराह नंबर 65 दूसरी और तीसरे आयात (दूसरी आयात का आधे से भी कम हिस्सा ) और तीसरी पूरी आयात है !