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Istikhara Karne Ka Tarika In Hindi | Imam Ali A.S

Istikhara Karne Ka Tarika

Istikhara Karne Ka Tarika In Hindi

सवाल: एक मर्तबा हज़रत इमाम अली अ.स. की खिदमत में एक शख्स आया और कहने लगा या अली इस्तेखारा क्या है ? 

जवाब: इमाम अली इबने अबी तालिब ने कहा अपने अल्लाह से खैर तलब करना इस्तेखारा है !

सवाल: उस शख्स ने कहा या अली इस्तेखारे के लिए बेहतरीन दिन कोनसा है ?

जवाब: इमाम अली ने फ़रमाया जुमे का दिन !

सवाल: फिर उस शख्स ने कहा बेहतर रात कोनसी है

जवाब: इमाम ने कहा जुमे की रात !

सवाल: फिर उस शख्स ने मालूम किया इस्तेखरे के लिए बेहतर वक़्त कोनसा है ?

जवाब: इमाम अली ने कहा ईशा की नमाज़ की बाद !

सवाल: उस शख्स ने कहा या अली इस्तेखारा कैसे किया जाए ?

जवाब: इमाम अली ने कहा फ़र्ज़ नमाज़ के बाद 2 रकत नमाज़ पढो उसके बाद अपने अल्लाह की तरीफ करो और कहो ऐ मेरे मालिक मै तुझ से खैर तलब करता हूँ जो फैसला मेरे हक में बेहतर है तू वो ही मेरे लिए कर दे और जो मेरे लिए बेहतर नही उस को मेरे दिल से निकल दे !

सवाल: फिर उस शख्स ने कहा या अली अगर इस अम्ल के बाद दिल मुतमाईन न हो तो ?

जवाब: इमाम अली ने कहा तुम नमाज़ के बाद ख़ाना काबे की तरफ मुह करो और मट्टी के बर्तन में पानी रखो और दरख़्त के पत्ते पर अल्लाह का नाम लिखो उसके बाद उस पत्ते को पानी में डाल दो और बार बार अल्लाह से कहते रहो ए मेरे खालिक में तुझ से खैर तलब करता हू !

  • अगर वो पत्ता ख़ाने ए काबे की तरफ चला जाये तो यानी वो काम तो होगा लेकिन उसमे वक़्त लगेगा !
  • लेकिन अगर वो पत्ता सीधे तरफ चलने लगे यानी तुम्हारा ये काम तुम्हारे लिए बेहतर है !
  • लेकिन वो पत्ता उलटे तरफ चलने लगे तो तुम्हारे लिए ये काम बेहतर नही !
  • लेकिन अगर वो पत्ता तुम्हारी तरफ आ जाये तो तुम्हारा काम चंद ही दिनों में हो जायगा !

सवाल: उस शख्स ने कहा या अली अगर मेरे पास पानी न हो और बर्तन भी न हो तो ?

जवाब: इमाम अली ने फ़रमाया तुम नमाज़ के बाद अल्लाह से खैर तलब करने की दुआ करो उसके बाद तसबी को हाथ में लो और बीच में से पकड़ के अल्लाह के महबूब पे दरूद पढते रहो और दो दो दाने इख्तेदाम की तरफ करते रहो अगर आखिर में एक दाना बच जाये तो यानी वो काम तुम्हारे लिए बेहतर नही, और अगर एक भी दाना न बचे तो यानी वो काम तुम्हारे लिए बेहतर है !

सवाल: उस शख्स ने कहा या अली अगर तसबी भी न हो तो ?

जवाब: इमाम अली ने कहा तुम नमाज़ पढने के बाद अल्लाह से खैर तलब करो और फिर किसी से बात न करो और बा वजू होकर सो जाओ अगर ख्वाब में अच्छे मुनाजिर देखो हरा रंग देखो, नीला रंग देखो, सफ़ेद रंग देखो तो यानी जो काम तुम करना चाहते हो वो काम तुम्हारे लिए बेहतर है लेकिन अगर खवाब में काला रंग देखो या लाल रंग देखो तो उसका मतलब वो काम तुम्हारे लिए बेहतर नही है !

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