Jume Ke Din Asar Ke Baad Ki Dua | जुमे के दिन अस्र के बाद की दुआ
Jume Ke Din Asar Ke Baad Ki Dua
Jume Ke Din Asar Ke Baad Ki Dua रवायत है कि जुमे के दिन अस्र की नमाज़ के बाद ये सलवात सात मर्तबा पढ़े और दूसरी रवायत में है कि एक वक्त तो उसका सवाब बहुत ज्यादा है। इस दिन का जो सवाब मिलेगा इंसान और जिन्नात लाख नेकी लिखवायेंगे और लाख गुनाह माफ हो जायेंगे, एक लाख हाजतें पूरी होंगी और जन्नत में लाख दर्जे बुलन्द होंगे और वह सलवात ये है।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम अल्लाहुम-म स्वल्लि अला मुहम्मदिंव व आलि मुहम्मदिल औसियाइल मरज़िय्यी-न बि-अफ़-जलि स-ल-वाति-क व बारिक अलैहिम बि-अफ़-जलि स-ल-काति-क वस्सलामु अलैहिम व अला अज्सादिहिम व रह-मतुल्लाहि व ब-र-कातुहू।
दूसरी रवायत में है कि हज़रत रसूल ए खुदा सल्लाहो अलैहि वालेहि वसल्लम (अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) ने फरमाया कि जुहर और अस्र के वक्त मुहम्मद व आलि महम्मद पर सलवात पढ़ने का सवाब 70 हज का है !