Rozgar Mein Barkat Ka Wazifa | Karobar Mein Barkat Ki Dua
Rozgar Mein Barkat Ka Wazifa
Rozgar Mein Barkat Ka Wazifa ये सुराह किसी ख़ास मसले के लिए नही हर मसला चाहे औलाद का हो, चाहे रोज़ी का हो, चाहे सेहत का हो…
बाज़ लोगो का ये तजुर्बा होगा या तो उनकी पूरी ज़िन्दगी में एक परेशानी ये होती है, या फिर कुछ अरसे के लिए , जिस काम में वो हाथ डाले वो बन्ने लगता है यानि शुरआत अच्छी होती है ऐसा लागता है है की हम कामयाब होने वाले है आखिर में जाकर गड़बड़ हो जाती है यानी काम बनते बनते रह जाता है !
Rozgar Mein Barkat Ka Wazifa मिसाल के तोर पर..
एक बच्ची है शादी की उम्र हो गयी है अब इसकी शादी की वालेदेन फ़िक्र कर रहे है एक तो ये है के रिश्ते आते ही नही है एक है रिश्ते आते है आने वाले लड़की को देखते है और पसंद भी करते है ऐसा लगता है के अनकरीब ये सारी बात तय पा जायगी और ये शादी भी हो जायगी लेकिन आखिर में सब गड़बड़ हो जाता है और काम बनते बनते रह जाता है एक बार नही कई बार ऐसा इत्तेफाक हुआ…
Gunaho Se Kaise Bache
बीमार है…
बीमार है सेहत मिल रही है ऐसा लग रहा है के अब बिलकुल ठीक हो जायगे लेकिन पता नही फिर क्या होता है अचानक से शिफा मिलनी ही बंद हो जाती है…
कारोबार…
कारोबार अच्छे से स्टार्ट किया सारे मार्केट का जायज़ा लेकर शरू किया शुरू में बहुत अच्छा कारोबार चला लेकिन कुछ दिनो बात वही मुश्किल अचानक से सारा कारोबार डाउन होना शरू हो गया…
Al-Mujadalah 58 Surah:
तो खास तराह की परेशानी का अम्ल,वजीफा, दुआ वो है सुराह मुजादिला की रोजाना तिलावत जब तक के ये कफियत खत्म न हो जाए और जब ये कफियत खत्म हो जाए तो दुआ की नियत से पढ़ना बंद कर दे फिर कुरान की तिलावत की नियत से पढे..