Surah Muzammil Ki Fazilat In Hindi
सुरह मुज़म्मिल की खसूसियात
हज़रत इमाम जाफर सादिक़ अ.स. फरमाते है के जो शख्स सुरह मुज़म्मिल नमाज़ ईशा में या आखिर शब् में पढ़े तो ये सुरह इसके नेक अफआल का शाहिद होगा और खुदा के नज़दीक इस की गवाही देगा और हक़ ताअला इसे निहायत पाक पाकीज़ा ज़िन्दगी और अच्छी मौत से नवाज़ेगा !
और हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़र अ.स. फरमाते है के इस सुरह पढने वाला हरगिज़ मोहताज़ न होगा !
और मिस्बाह अल आबेदीन में विर्द है के जो शख्स बा नियत दफ़ा असरत बाद नमाज़ ईशा इस सुरह को गियारह बार पढे तो इसे खुशाली नसीब होगी !
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