Sajda e Shukar Ka Tarika Shia | Shukr e Khuda | Sajda Karne Ka Tarika
Sajda e Shukar Ka Tarika Shia
Sajda e Shukar Ka Tarika Shia नमाज़ के बाद किसी भी वक़्त अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए सजदा किया जा सकता है और सजदा ए शुक्र का जो अमुमी तरीका है वो ये है के एक सजदा करना है
सजदा ए शुक्र वाजिब नही है किसी भी वक़्त सजदा ए शुक्र वाजिब नही है मुस्तहब है चाहे वो फ़रीज़ा नमाज़ हो चाहे वो नफ्ला नमाज़ हो आपने सजदा ए शुक्र करना है आपको उसमे सवाब मिलेगा क्युके अल्लाह को इंसान उस वक़्त बहुत ज्यादा पसंद होता है जब वो सजदे में हो !
इमाम ज़नुलआबेदीन अ.स.(अल्लाह हुम्मा सल्ले अला मोहम्मद वा आले मोहम्मद) को सय्य्दो सजेदीन कहा गया है यानी सजदे करने वालो के सरदार, सजदा करना अल्लाह की ज़ात के लिए !
सजदा ए शुक्र किसी भी वक़्त किया जा सकता है हर फ़रीज़ा नामज़ के बाद या नफ्ला नमाज़ के बाद या कोई आपको नेअमत मिली है उसके बाद सजदा करे कभी भी आपका दिल कर रहा है शुकराना अदा करने का तो आप सजदा ए शुक्र कर सकते है !
Namaz E Shab Ka Tarika
एक सजदा है लेकिन अफज़ल है दो सजदे करे
अमूमी मशहूर ये है के एक सजदा किया जाता है सजदा ए शुक्र लेकिन बेतर ये है के इसको दो सजदे में तब्दील किया जाए पहला सजदा किया जाए उसके बाद दूसरा सजदा किया जाए !
सजदा ए शुक्र करने का तरीका
सजदा ए शुक्र का तरीक ए है के सात आज़ा टिकाए और सो मर्तबा शुक्रल लिल्लाह कहे, सजदा ए शुक्र में ज़िक्र कोई भी कर सकते है शुक्रल लिल्लाह, शुक्रन शुक्रा, अफ्वन अफवा, अफ्वन लिल्लाह कोई भी ज़िक्र आप कर सकते है अल्लाह का ज़िक्र अदा करने के लिए, सजदे के बाद दाया रुक्सार रखे सजदागाह पर फिर बाया रुक्सार रखे सजदागाह पर, और इस दोरान कोई ज़िक्र भी कर सकते है नही भी करते तो कोई हर्ज नही है !
मुस्तहब ये के सजदा ए शुक्र करने के बाद सजदगाह को दोनों हाथो से मस करे और अपने चेहरे पर फेरे और उसके बाद जिस्म के तमाम हिस्से पर अपने हाथो को फेर ले !
सजदा ए शुक्र वाजिब नही है और सजदा ए शुक्र में बेहतर ये के सात आज़ा टिकाए जाए और सजदा किया जाए उस ज़ात के लिए और उसका शुकराना अदा किया जाए के हमने तेरा फ़रीज़ा अंजाम दिया तूने हमे इतनी ताक़त दी, तूने हमे नेहमत दी, परवरदिगार तूने मेरी ये मुश्किल हल कर दी, कही भी सजदा ए शुक्र को अदा किया जा सकता है और सजदा ए शुक्र में कोई भी ज़िक्र किया जा सकता है !